संतों की धर्मशाला
मुख्य मंदिर की उत्तरी ओर संतों की धर्मशाला स्थित है। यहां श्रीजी महाराज के समय 500 से अधिक संत दोनों मंजिलों में रहते थे। इस धर्मशाला का निर्माण श्रीजी महाराज ने करवाया था। इस धर्मशाला में श्रीहरी ने 496 बार संतों को सेवा करके अपनी अनंत कृपा बरसाई है ।