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गोमती तालाब

सद्गुरु श्री सच्चिदानंद स्वामी की प्रार्थना और विनती को स्वीकार करके द्वारकाधीश वडताल में पधारे और उनके साथ गोमतीजी भी पधारीं। श्रीजी महाराज ने वडताल की उत्तर दिशा में धारू तालाव खुदवाया। इस तालाव को खोदकर गहरा किया गया, तब श्रीहरी स्वयं मिट्टी की टोकरी उठाकर सेवा करते थे।

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