वडताल स्वामिनारायण मंदिर, स्वामिनारायण संप्रदाय का केंद्रीय मंदिर, धार्मिक त्योहारों और उत्सवों का केंद्र है।
मुख्य त्योहार:
- जन्माष्टमीभगवान कृष्ण के जन्मदिन का उत्सव, मध्यरात्रि में महाआरती और भक्तों द्वारा हांडी उत्सव का आयोजन।
- राम नवमीदोपहर 12:00 बजे भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव की और रात 10:10 बजे भगवान श्रीस्वामिनारायण के जन्मोत्सव की भव्य तैयारी।
- दिवालीप्रकाश का उत्सव, जिसमें भक्त दीपक जलाकर और दीपमालाओं से पूरे मंदिर को सजाते हैं।
- होलीवडताल में होली का उत्सव रंगोत्सव के रूप में मनाया जाता है। हजारों भक्त, संत और आचार्य महाराजजी के सान्निध्य में मंदिर परिसर में इस उत्सव का आयोजन होता है।
- गुरु पूर्णिमा: भक्त भगवान श्रीस्वामिनारायण और सद्गुरु संतों के प्रति गुरुभाव प्रकट करते हैं और भावपूर्वक पूजा करते हैं।
अन्य उत्सव:
- मुख्य मंदिर में सभी देवताओं की मंगल आर्ति, शृंगार आर्ति, राजभोग आर्ति, संध्या आर्ति और रात्रि की शयन आर्ति का आयोजन होता है।
- हर महीने की पूर्णिमा के दिन वडताल मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। देश-विदेश से लाखों भक्त भगवान श्रीहरि कृष्ण महाराज और लक्ष्मी नारायण देव के दर्शन के लिए आते हैं। कुछ भक्त दूर-दूर से पदयात्रा करके भी वडताल में पूर्णिमा पर आते हैं।
- इन सभी उत्सवों का आयोजन भव्य स्तर पर किया जाता है, ताकि आने वाले सभी भक्तों को प्रभु से जोड़ा जा सके और उनके जीवन को सत्संगमय, सेवामय और उत्कृष्ट बनाया जा सके, अंततः मोक्ष प्राप्ति के उद्देश्य से।