श्रीहरिमंडप
हरिमंडप की सबसे खास बात यह है कि स्वामिनारायण संप्रदाय की आचारसंपत्ति 'शिक्षापत्री' ग्रंथ का शोध-लेखन इस स्थान पर हुआ है, इसलिए संप्रदाय में हरिमंडप का स्थान विशेष है। श्रीहरी के समय यहां पहले एक कोठा था और श्रीहरी ने इसे हटाकर हरिमंडप का निर्माण करवाया। इस हरिमंडप में बड़े-बड़े संत और हरिभक्त वैराग्य प्राप्त करने और ध्यान करने के लिए बैठते थे; क्योंकि यह स्थान एकांत में बैठकर ध्यान करने के लिए अनुकूल है। वर्तमान में इस हरिमंडप का जीर्णोद्धार किया गया है।